हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के परीक्षा परिणाम में प्रथम आने पर दीपक वशिष्ठ को गोल्ड मेडल से नवाजा

हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के परीक्षा परिणाम में प्रथम आने पर दीपक वशिष्ठ को गोल्ड मेडल से नवाजा

Deepak Vashisht was Awarded a Gold Medal

Deepak Vashisht was Awarded a Gold Medal

गोल्ड मेडल मिलने से पलवल के गांव बघौला में दीपक वशिष्ठ को बधाई देने वालों का लगा तांता

फरीदाबाद। दयाराम वशिष्ठ: Deepak Vashisht was Awarded a Gold Medal: हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ के परीक्षा परिणाम में प्रथम स्थान हासिल करने पर एमए संस्कृत व्याकरण के छात्र दीपक वशिष्ठ ने र्स्वण पदक हासिल कर इलाके का नाम रोशन किया है।
गुरूवार को विश्वविद्यालय में आयोजित 11 वें दीक्षाँत समारोह में तालियों की गडगडहाट के बीच दीपक वशिष्ठ को स्वर्ण पदक (गोल्ड मेडल) से नवाजा गया l

Deepak Vashisht was Awarded a Gold Medal

समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति एवं शैक्षणिक परिषद के सदस्य प्रोफेसर टंकेशवर कुमार बतौर मुख्यअतिथि, डाक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता बतौर विशिष्ट अतिथि, पिडिलाइट इंडस्ट्रीज लिमिटेड निखिल माथुर व हरियाणा लोक सेवा आयोग की सदस्य सुश्री ममता यादव मौजूद रहे। विश्वविद्यालय में प्रथम आने पर दीपक वशिष्ठ को यह सम्मान मिला है। इस सम्मान के बाद दीपक वशिष्ठ को बधाई देने वालों का तांता लगा रहा।

आज के भौतिकता के युग में संस्कृति और सनातन धर्म को जानने और समझने के उद्देश्य से पलवल जिले से छह इंजीनियरों के बच्चे स्वामी कृष्णानंद के सान्निध्य में वाराणसी  संस्कृत पढ़ने भेजे गए, इनमें दीपक वशिष्ठ भी हैं, जो अब अपने गांव, शहर और राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं।

Deepak Vashisht was Awarded a Gold Medal

बघौला निवासी चिम्मन लाल वशिष्ठ के पौत्र दीपक वशिष्ठ की प्रारंभिक शिक्षा अंग्रेजी माध्यम से दीप सीनियर स्कूल, असावटी में हुई। कक्षा 6वीं में आने पर उन्होंने अपने बड़े भाई लव वशिष्ठ तथा पलवल जिले के अन्य पांच बच्चों के साथ संस्कृत व्याकरण की शिक्षा प्राप्त करने के लिए काशी भेजा गया l कक्षा 6वीं से 12वीं तक की शिक्षा रणवीर संस्कृत विद्यालय, वाराणसी से पूरी की। 

तदोपरांत बीएचयू बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से शास्त्री की डिग्री हासिल की। जहां उनके गुरु डॉक्टर अशोक मिश्रा, डॉक्टर शेषमणि शुक्ल एवं पलवल की संस्था श्री कृष्णायन सेवा सदन की उन पर विशेष कृपा रही।
पिता अनिल वशिष्ठ ने बताया कि दीपक वशिष्ठ बचपन से ही मेधावी छात्र रहे हैं। वे काशी (जो ज्ञानवानों की नगरी के रूप में प्रसिद्ध है) में अनेक शास्त्रार्थ प्रतियोगिताओं में भाग लेते हुए पुरस्कार प्राप्त करते रहे। खेलकूद में भी उन्होंने हमेशा प्रथम स्थान प्राप्त किया।